नई दिल्ली, 30 नवंबर
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक एशिया में तेल और गैस ट्रांसमिशन पाइपलाइन की लंबाई बढ़ाने में भारत का दबदबा होने का अनुमान है।
अग्रणी डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडेटा की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2028 तक क्षेत्र की कुल पाइपलाइन लंबाई में 40 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी भारत से होने की उम्मीद है।
इससे पता चला कि भारत में 2028 तक 50 से अधिक नियोजित और घोषित पाइपलाइनों का संचालन शुरू होने की संभावना है, जिससे कुल ट्रांसमिशन पाइपलाइन की लंबाई 26,000 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी।
इसमें से लगभग 24,000 किलोमीटर लंबाई का विस्तार योजनाबद्ध पाइपलाइनों से होगा जिन्हें विकास के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है।
“2028 तक भारत में आने वाली ट्रांसमिशन पाइपलाइन की लंबाई में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान प्राकृतिक गैस और उत्पाद पाइपलाइनों का है। आगामी कांडला-गोरखपुर उत्पाद पाइपलाइन 2,809 किलोमीटर की लंबाई के साथ सभी आगामी पाइपलाइनों में सबसे लंबी होने की संभावना है।” ग्लोबलडेटा में तेल और गैस विश्लेषक भार्गवी गंधम ने कहा।