नई दिल्ली, 25 अप्रैल
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस बात से इनकार किया है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उनकी जमानत के लिए अनापत्ति के बदले में प्राप्त किए गए अन्य आरोपियों के देर से विरोधाभासी या जबरदस्ती दिए गए बयानों पर आधारित थी और कहा कि यह मामला है मजबूत था।
मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका के जवाब में ईडी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था।
ईडी ने अपने हलफनामे में दावा किया कि सीएम केजरीवाल ने दिल्ली पीएमएलए अदालत के समक्ष दलील दी थी कि उन्हें हिरासत/रिमांड को आगे बढ़ाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।
ईडी के हलफनामे में कहा गया है, “याचिकाकर्ता ने आज की तारीख में अपनी हिरासत पर सवाल उठाने का अपना अधिकार छोड़ दिया है और याचिकाकर्ता को यह तर्क देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि आज की उसकी हिरासत अवैध है और वर्तमान याचिका अकेले इस आधार पर खारिज की जा सकती है।”
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि 21 मार्च को तलाशी के दौरान सीएम केजरीवाल से उनके मोबाइल फोन का पासवर्ड मांगा गया था और फिर ईडी की हिरासत के दौरान उनसे दोबारा पासवर्ड मांगा गया और उनका जवाब उनके बयान में दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने इसे साझा करने से इनकार कर दिया।
इसमें कहा गया है, “यहां तक कि हिरासत के दौरान उनके बयानों से पता चलता है कि सामग्री के साथ सामना किए जाने के बावजूद, याचिकाकर्ता ने पूरी तरह से गोलमोल जवाब देने का विकल्प चुना।”
ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
ईडी ने सीएम केजरीवाल को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से कथित उत्पाद शुल्क घोटाले का "मुख्य साजिशकर्ता" करार दिया है।