नई दिल्ली, 17 मई
आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर उन पर हुए कथित हमले के मामले में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत पहुंचीं।
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत, एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को जांच के दौरान उसके सामने दिए गए किसी भी बयान या कबूलनामे को रिकॉर्ड करने का अधिकार है।
इससे पहले दिन में मालीवाल की एम्स में मेडिकल जांच हुई।
मालीवाल का बयान दर्ज करने के बाद, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार देर रात धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 506 (आपराधिक धमकी), और 509 (अपमानजनक) के तहत एफआईआर दर्ज की। एक महिला की विनम्रता) आईपीसी की।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व अध्यक्ष मालीवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जब वह मुख्यमंत्री आवास के ड्राइंग रूम में इंतजार कर रही थीं, तो उनके निजी सचिव विभव कुमार आए और बिना किसी उकसावे के उन्हें थप्पड़ मारा और उसके पेट पर मुक्के भी मारे।
सोमवार को डीसीपी (नॉर्थ) मनोज कुमार मीणा ने बताया कि सुबह 9.34 बजे सिविल लाइंस थाने में एक पीसीआर कॉल आई, जिसमें कॉलर ने दावा किया कि सीएम केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री के पीएस बिभव कुमार ने उसके साथ मारपीट की।