नई दिल्ली, 2 अगस्त
केंद्र ने शुक्रवार को बताया कि 'डिजिटल इंडिया' पहल के तहत, 95 प्रतिशत से अधिक गांवों में अब 3जी/4जी मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ इंटरनेट तक पहुंच है।
संचार मंत्रालय के अनुसार, भारत में कुल 954.4 मिलियन इंटरनेट ग्राहकों में से (मार्च तक) 398.35 मिलियन ग्रामीण इंटरनेट ग्राहक हैं।
इसके अलावा, देश के 6,44,131 गांवों में से 6,12,952 गांवों में 3जी/4जी मोबाइल कनेक्टिविटी है। इस प्रकार, 95.15 प्रतिशत गांवों में (अप्रैल तक) इंटरनेट तक पहुंच है।
'डिजिटल इंडिया' पहल के तहत सरकार ने न केवल महानगरों बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को भी जोड़ने के लिए कई पहल की हैं।
14.26 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर मार्च में देश में कुल इंटरनेट ग्राहक 251.59 मिलियन से बढ़कर 954.4 मिलियन हो गए हैं।
सरकार ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में दूरसंचार नेटवर्क का व्यापक विस्तार देखा गया है, जिसमें टियर-2/3 शहरों और गांवों सहित भारत के सभी कोने शामिल हैं।"
ग्रामीण परिवारों को ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए, 'भारतनेट' परियोजना के साथ, देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा।
सरकार ने बताया कि दो चरणों में भारतनेट के तहत परिकल्पित कुल 2.22 लाख जीपी में से 2.13 लाख जीपी को सेवा के लिए तैयार कर दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा, "इसके अलावा, संशोधित भारतनेट कार्यक्रम का लक्ष्य 42,000 अछूते जीपी और शेष 3.84 लाख गांवों को मांग के आधार पर ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करना और 1.5 करोड़ ग्रामीण घरेलू फाइबर कनेक्शन प्रदान करना है।"
सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना की सुविधा के लिए अगस्त 2022 में लाइसेंसिंग शर्तों में भी संशोधन किया है।
केंद्र ने 'इंडियन टेलीग्राफ राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम 2016' भी जारी किया और दूरसंचार बुनियादी ढांचे के तेज और आसान कार्यान्वयन के लिए समय-समय पर नियमों में संशोधन किया।
तेजी से RoW अनुमोदन के लिए गति शक्ति संचार पोर्टल के लॉन्च से सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए RoW अनुमति की सुविधा प्रदान की गई है।