कोलकाता, 5 अगस्त
सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले पर नज़र रखने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अब तक पांच शेल कंपनियों का पता लगाने में सक्षम हैं, जिनका इस्तेमाल कथित घोटाले में फंड डायवर्जन के लिए किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि इन पांचों कॉरपोरेट इकाइयों के बीच कई चीजें समान हैं।
सबसे पहले, ये सभी मध्य कोलकाता के स्ट्रैंड रोड स्थित एक ही भवन परिसर के एक ही पते पर पंजीकृत हैं।
सूत्रों ने बताया कि दूसरा सामान्य कारक यह है कि ये सभी पांच संस्थाएं सीधे तौर पर या तो राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक या उनके किसी करीबी पारिवारिक रिश्ते से जुड़ी हुई हैं।
राशन वितरण मामले में मल्लिक को न्यायिक हिरासत में रहते हुए लगभग दस महीने हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, तीसरा सामान्य कारक यह है कि 2016 और 2021 के बीच इन कथित कॉर्पोरेट संस्थाओं के बैंक खातों में एक ही स्रोत से कई उच्च मूल्य की जमा राशियां थीं। जिनमें से एक हाल ही में देगंगा में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष हैं। उत्तर 24 परगना जिला, अनुसुर रहमान उर्फ बुइदेश।
बिदेश और उनके भाई अलीफ नूर उर्फ मुकुल को ईडी अधिकारियों ने 1 अगस्त की सुबह गिरफ्तार किया था और वे वर्तमान में केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में हैं। दोनों व्यवसायी बकीबुर रहमान के चचेरे भाई हैं, जो राशन वितरण मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति हैं।
माना जा रहा है कि बकीबुर रहमान के जरिए ही दोनों भाइयों का पूर्व मंत्री मल्लिक से संबंध स्थापित हुआ था।
ईडी के अधिकारियों ने बकीबुर रहमान के स्वामित्व वाली बीपीजी राइस मिल्स और हाई टेक राइस मिल्स के बैंक खातों के बीच किए गए लेनदेन का भी पता लगाया है, जो अक्टूबर 2022 के अंत तक बिदेश और मुकुल के संयुक्त स्वामित्व में है।
सूत्रों ने कहा कि राशन वितरण मामले में अवैध कमाई की कार्यवाही को भटकाने के लिए कई चावल मिलों और शेल कॉरपोरेट संस्थाओं का इस्तेमाल इस तरह से किया गया है कि बिंदुओं को जोड़ना और उन कई कंपनियों के बीच संबंध स्थापित करना वास्तव में एक समय लेने वाला कारक बन गया है।