श्रीनगर, 16 अगस्त
जैसा कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है, केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली को लेकर अनिश्चितता आखिरकार खत्म हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर में सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप विधानसभा चुनाव कराने के फैसले का स्वागत किया है।
चुनाव प्रक्रिया अक्टूबर के अंत तक पूरी होने की संभावना है और एक निर्वाचित सरकार साल के अंत से पहले कार्यभार संभाल लेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किसी भी राजनीतिक दल के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन से इनकार करते हुए कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस यूटी में अपने दम पर अगली सरकार बनाएगी।
लोकसभा चुनाव में पीडीपी द्वारा एनसी का विरोध करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने बिना किसी चुनाव पूर्व गठबंधन के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी इन दोनों क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का आमना-सामना होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 74 सामान्य निर्वाचन क्षेत्र हैं, नौ एसटी उम्मीदवारों के लिए और सात एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।