नई दिल्ली, 28 सितंबर
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बताया कि भारत ने खुले समुद्र में समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते - राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता (बीबीएनजे) पर हस्ताक्षर किए हैं।
जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बीबीएनजे समझौते पर हस्ताक्षर किए।
उन्होंने एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में जानकारी दी, "आज संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता (बीबीएनजे) समझौते पर हस्ताक्षर किए।"
उन्होंने कहा, "भारत को बीबीएनजे समझौते में शामिल होने पर गर्व है, यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि हमारे महासागर स्वस्थ और लचीले बने रहें।"
यह समझौता, एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है, जो समुद्र संधि के कानून के अंतर्गत आती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देशों द्वारा समुद्री जीवन का संरक्षण किया जाए और ऊंचे समुद्रों पर इसका निरंतर उपयोग किया जाए।
उच्च समुद्र राष्ट्रों के क्षेत्रीय जल और विशेष आर्थिक क्षेत्र से परे हैं जो तटों से 370 किमी तक फैल सकते हैं।
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया यह समझौता विनाशकारी मछली पकड़ने और प्रदूषण पर प्रतिबंध लगाता है।
इस पर मार्च 2023 में सहमति हुई थी और यह सितंबर 2023 से शुरू होकर दो साल के लिए हस्ताक्षर के लिए खुला है। यह 60वें अनुसमर्थन के 120 दिन बाद लागू होता है।