नई दिल्ली, 28 सितंबर
भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को वैश्विक बाजारों तक पहुंच बनाने में सक्षम बनाने के लिए, इंडिया एसएमई फोरम (आईएसएफ) ने शनिवार को उन्हें मात्र आठ सप्ताह में निर्यात करने में मदद करने के लिए एक नई पहल शुरू की।
‘आठ सप्ताह में निर्यात शुरू करें’ नामक कार्यक्रम, ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स निर्यात नेताओं के साथ काम करेगा।
केंद्रीय श्रम और रोजगार तथा एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि एमएसएमई विकसित भारत 2047 के विजन में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उनकी सफलता हमारे देश के विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनने की यात्रा के लिए आवश्यक है।
मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा, “आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में, कौशल और कौशल उन्नयन महत्वपूर्ण हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि हमारे उत्पाद अंतरराष्ट्रीय, निर्यात-गुणवत्ता मानकों को पूरा करें।” ‘इंडिया एसएमई फोरम’ जैसे प्लेटफॉर्म के साथ-साथ अमेजन और यूपीएस जैसे भागीदारों और आज शुरू की गई नई पहल के माध्यम से हमारे उद्यमी वैश्विक बाजारों से जुड़ेंगे, जिससे विकास और सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे। आइए हम इन अवसरों का पूरा लाभ उठाएं और वैश्विक उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखें,” करंदलाजे ने समझाया।
यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय बाजार के अवसरों का पता लगाने और अपनी पहुंच का विस्तार करने के इच्छुक एमएसएमई को व्यापक मार्गदर्शन, संसाधन और नेटवर्किंग के अवसर मुफ्त में प्रदान करेगा।
इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि ई-कॉमर्स एक गेम-चेंजर बन गया है, जिसने पारंपरिक व्यापार बाधाओं को तोड़ दिया है और यहां तक कि सबसे छोटे उद्यमों को भी आसानी से अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों तक पहुंचने की अनुमति दी है।
कुमार ने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके, एमएसएमई पारंपरिक निर्यात की कई लॉजिस्टिक चुनौतियों को दरकिनार कर सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पहले से कहीं अधिक सुलभ हो जाएगा।”
‘आठ सप्ताह में निर्यात शुरू करें’ पहल भारतीय एमएसएमई को वैश्विक व्यापार के पावरहाउस में बदलने की दिशा में एक आंदोलन है।