सियोल/नई दिल्ली, 8 अक्टूबर
ह्यूंदै मोटर ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए अपनी भारतीय सहायक कंपनी में 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता ने एक विनियामक फाइलिंग में कहा कि वह हुंडई मोटर इंडिया में 142.19 मिलियन शेयर बेचेगी, जिससे उसकी हिस्सेदारी घटकर 82.5 प्रतिशत रह जाएगी।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुंडई ने आईपीओ मूल्य निर्धारण के लिए सटीक तिथि और सीमा निर्दिष्ट नहीं की है, लेकिन वह इस वर्ष के भीतर सार्वजनिक होने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसका लक्ष्य लगभग 20 बिलियन डॉलर के आईपीओ मूल्यांकन पर 4 ट्रिलियन वॉन ($2.96 बिलियन) तक जुटाना है।
अधिकारियों ने कहा कि हुंडई मोटर ने 1996 में भारतीय सहायक कंपनी की स्थापना की थी, और यह लगभग दो दशकों में भारत में सार्वजनिक होने वाली पहली कार निर्माता कंपनी होगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हुंडई मोटर इंडिया के 25,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी दे दी है, जो 14 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। यह भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बाद भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा, जो करीब 21,000 करोड़ रुपये का था। लिस्टिंग के बाद, हुंडई इंडिया का मार्केट कैप इसकी सियोल-लिस्टेड प्रमोटर कंपनी हुंडई मोटर्स के 47 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन का लगभग आधा हो सकता है। मारुति सुजुकी के बाद हुंडई इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है।
कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है। हुंडई की करीब चार में से एक कार अब भारत में बिकती है। ऑटोमेकर ने सितंबर में कुल 64,201 यूनिट की बिक्री दर्ज की, जबकि नौ महीनों (जनवरी-सितंबर अवधि) में कुल बिक्री 5,77,711 यूनिट रही। कंपनी पिछले कुछ महीनों को छोड़कर पिछले कुछ समय से लगातार 60,000 यूनिट प्रति माह की बिक्री कर रही है, क्योंकि ऑटोमोटिव उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है।