मुंबई, 30 दिसंबर
सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत सरकारी सुधारों और निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के कारण, भारत का रक्षा क्षेत्र का उत्पादन वित्त वर्ष 2024-29 के दौरान लगभग 20 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने के लिए तैयार है।
केयरएज रेटिंग्स रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रक्षा क्षेत्र की कंपनियां देश की रक्षा क्षमताओं को और बढ़ाने, आयात निर्भरता को कम करने और इसके वैश्विक कद को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
भारत के रक्षा क्षेत्र में सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के बीच सहयोग ने हथियारों और गोला-बारूद, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और नौसेना प्रौद्योगिकियों में प्रगति को प्रेरित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू और बहुराष्ट्रीय दोनों निजी क्षेत्र की संस्थाओं से रक्षा आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने, अपनी इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस सहयोग को 'मेक इन इंडिया' और उदारीकृत एफडीआई मानदंडों जैसी नीतियों द्वारा समर्थित किया गया है, जिससे घरेलू विनिर्माण क्षमताओं में वृद्धि हुई है, रक्षा नवाचार में अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित हुआ है और सैन्य उपकरणों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
हाल के वर्षों में, भारत का रक्षा बजट लगातार उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.90 से 2.8 प्रतिशत के बीच रहा है।