नई दिल्ली, 11 जनवरी
रिपोर्टों के अनुसार, मजबूत बुनियादी सिद्धांतों और लचीली अर्थव्यवस्था से प्रेरित, भारतीय इक्विटी बाजारों में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए एक और रिकॉर्ड तोड़ने वाला वर्ष देखने की संभावना है।
देश में धन उगाहने की गतिविधि अब तक सभी क्षेत्रों में व्यापक रही है। कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग रिपोर्ट के अनुसार, भू-राजनीतिक जोखिमों और बाजार की अस्थिरता के बीच घरेलू निवेश ने लचीलापन प्रदान किया।
निवेश बैंक के अनुसार, विभिन्न उत्पादों में सौदे का आकार लगातार बढ़ रहा है, पिछले साल $500 मिलियन के 30 से अधिक सौदे हुए। बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) अपनी सहायक कंपनियों को भारतीय शेयर बाजारों में पदार्पण कराकर लिस्टिंग गंतव्य के रूप में भारत को प्राथमिकता देती हैं।
पिछले साल कम से कम 91 कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये जुटाए। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल कंपनियों ने आईपीओ, फॉलो-ऑन ऑफर और योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) सहित इक्विटी बाजार से 3.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए।