चंडीगढ़,11 Jan
मरीजों की जान बचाने की जिम्मेदारी निभाने वाला स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ की गर्भवतियों के साथ ही उनके गर्भ में पल रहे शिशु को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहा है। स्थिति यह है कि गर्भावस्था के दौरान बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले टेटनस का इंजेक्शन लगाने में विभाग पिछले 9 वर्षों से लगातार लापरवाही बरत रहा है।
नतीजन 2015 से 2023 के बीच में हजारों गर्भवतियों को टिटनेस की पहली और दूसरी डोज नहीं लगाई गई है।
सेंट्रल ऑडिट रिपोर्ट में हुई पुष्टि
इस लापरवाही की पुष्टि सेंट्रल ऑडिट रिपोर्ट में हुई है। जिसमें बताया गया है कि चंडीगढ़ के रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ 11 के रिकॉर्ड की जांच के दौरान यह मामला सामने आया, जिसमें 2015 से 2023 के बीच में पंजीकृत 55 से 60% गर्भवतियों को टिटनेस की पहली व दूसरी डोज नहीं लगाई गई। रिपोर्ट के अनुसार कुल 315661 पंजीकृत गर्भवतियों में से 142193 को पहली और 124886 को दूसरी डोज लगी है। यानी 173468 पहली और 190775 दूसरी डोज से वंचित रहीं।
गंभीर बात यह है कि इस संबंध में ऑडिट ने जब विभाग से इसका कारण पूछा तो उन्हें यह जवाब दिया गया कि उन गर्भवती महिलाओं ने निजी केंद्रों से टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया है। जबकि ऑडिट की आपत्ति है कि यह जवाब तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि सार्वजनिक या निजी क्षेत्र से टिटनेस का इंजेक्शन प्राप्त करने वाले पंजीकृत महिलाओं का उचित रिकॉर्ड मिशन द्वारा बनाए रखा जाना चाहिए था। ऐसी स्थिति में मिशन के तहत प्राप्त लक्ष्य की जानकारी नहीं मिल पा रही है।
इसलिए जरूरी है ये डोज
टिटनेस इंफेक्शन के कारण, हर साल कई नवजात शिशुओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है। टिटनेस शॉट लेने से, प्रीमेच्योर बर्थ की समस्या से भी बचाव होता है। टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन लगवाने से, प्रेग्नेंट महिला और भ्रूण दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में चोट लगने पर इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, शरीर को संक्रमण से बचाने के लिए इंजेक्शन लगवाना चाहिए।टिटनेस, एक गंभीर रोग है जो क्लोस्ट्रीडियम बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया, धूल-मिट्टी, लार आदि में पाया जाता है। अगर शरीर में चोट लगी है, तो चोट या कटे हुए भाग से ये बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर लेता है। लोहे की चीज से चोट लगने पर भी टिटनेस का इंजेक्शन लगाया जाता है। टिटनेस इन्फेक्शन होने पर, मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव महसूस होता है। टिटनेस इन्फेक्शन होने पर, भोजन निगलने में भी तकलीफ महसूस होती है।
इतनी गर्भवतियों में से महज इनको लगी डोज
साल पंजीकृत गर्भवती पहली डोज दूसरी डोज
2015-16 55682 39878 16261
2016-17 60667 17055 17472
2017-18 41894 19951 13488
2018-19 43029 20943 15869
2019-20 35171 20503 19834
2020-21 21179 15600 13371
2021-22 26004 15770 3862
2022-23 32035 16567 14729