जयपुर, 4 फरवरी
राजस्थान के जोधपुर में पिछले साल हुई ब्यूटीशियन की हत्या का मामला आगे की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है।
जिस ब्यूटीशियन अनीता की हत्या ने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया था, उसकी हत्या 30 अक्टूबर 2024 को हुई थी।
शुरुआत में पुलिस ने 30 जनवरी 2025 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबिदा को ही आरोपी बनाया गया था। हालांकि, सोमवार को दर्ज सीबीआई की एफआईआर में प्रॉपर्टी डीलर तैयब अंसारी और अनीता की दोस्त सुनीता को भी आरोपी बनाया गया है।
अंसारी के कथित राजनीतिक संबंधों ने पीड़ित परिवार के बीच चिंता पैदा कर दी है, उनका दावा है कि उसके प्रभाव ने निष्पक्ष जांच में बाधा डाली। सीबीआई की एक टीम अगले कुछ दिनों में अपनी जांच शुरू करने के लिए जोधपुर पहुंचने वाली है।
पिछले साल पीड़िता के परिवार ने कई दिनों तक शव लेने से इनकार कर दिया था और सीबीआई जांच की मांग की थी। 21 दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद 19 नवंबर को जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में समझौता हुआ, जिसमें सीबीआई जांच की सिफारिश भी शामिल थी। 28 नवंबर 2024 को राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर सिफारिश की कि मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाए। हालांकि, जब एजेंसी एफआईआर दर्ज करने में विफल रही, तो शिकायतकर्ता चौधरी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जवाब में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा।
अगली सुनवाई 27 फरवरी को तय की गई। इस बीच 21 जनवरी को गृह मंत्रालय ने मामले के संबंध में अधिसूचना जारी की और 3 फरवरी को सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर एफआईआर दर्ज कर जांच का जिम्मा उपाधीक्षक प्रणब दास को सौंपा। शुरू से ही पुलिस द्वारा मामले को संभालने का तरीका विवादास्पद रहा है, जिसमें मनमानी कार्रवाई और कुप्रबंधन के आरोप लगे हैं। शुरुआती चार्जशीट में केवल गुलामुद्दीन और आबिदा का नाम था, जबकि तैय्यब अंसारी के बारे में चुप्पी ने गंभीर संदेह पैदा किया। स्थानीय लोगों ने कहा कि अब जब सीबीआई के पास जिम्मेदारी है, तो पीड़ित परिवार को उम्मीद है कि गहन जांच होगी, जिससे अनुत्तरित सवालों का समाधान होगा और अनीता को न्याय मिलेगा।