रांची, 18 फरवरी
झारखंड सरकार ने राज्य में निकोटीन और तंबाकू युक्त गुटखा और पान मसाला के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अधिसूचना जारी की है कि यह प्रतिबंध अधिसूचना तिथि से अगले एक साल तक प्रभावी रहेगा।
अधिकारियों ने कहा है कि स्थिति की समीक्षा के आधार पर प्रतिबंध की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है।
2020 में झारखंड ने गुटखा और पान मसाला के 11 ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाया था, जो जून 2023 तक प्रभावी था। प्रतिबंध करीब डेढ़ साल तक चला। इस बार राज्य में गुटखा के अलावा निकोटीन और तंबाकू युक्त सभी प्रकार के पान मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त अजय कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना के अनुसार, यह प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30(2)(ए) और खाद्य सुरक्षा एवं मानक (बिक्री पर प्रतिषेध एवं प्रतिबंध) विनियम, 2011 के विनियम 2, 3 और 4 के तहत लगाया गया है।
सरकार ने संबंधित विभाग को मीडिया के माध्यम से इस सूचना का प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने कहा है कि तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला बेचते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पहले कहा था कि प्रतिबंध का उद्देश्य राज्य की युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य और हितों की रक्षा करना है।
कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने राज्य में मुंह के कैंसर के रोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की और कहा कि झारखंड में प्रति एक लाख लोगों में से लगभग 70 लोग कैंसर से पीड़ित हैं। इनमें से 40-45 रोगियों को मुंह का कैंसर है, जो मुख्य रूप से तंबाकू और गुटखा के सेवन के कारण होता है। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी सिविल सर्जनों और संबंधित अधिकारियों को सरकारी प्रतिबंधों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।