नई दिल्ली, 28 फरवरी
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि अच्छे मानसून के बाद मजबूत ग्रामीण खपत और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर बढ़े सरकारी खर्च के कारण भारत की जीडीपी वृद्धि 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई, जो वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संशोधित आंकड़े 5.6 प्रतिशत से अधिक है।
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर अब 6.5 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि 2023-24 के लिए आर्थिक विकास दर को संशोधित कर 8.2 प्रतिशत कर दिया गया है, जो 12 साल का उच्चतम स्तर है।
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर को संशोधित कर 5.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
निर्माण क्षेत्र में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज होने का अनुमान है, इसके बाद 'वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवा क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत और व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाएं क्षेत्र में 2024-25 के दौरान 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 2023-24 के दौरान देखी गई 5.6 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में 2024-25 के दौरान 7.6 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
पहले संशोधित अनुमानों के आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीडीपी में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 को छोड़कर पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है, जो कि कोविड के बाद का वर्ष था।
इस वृद्धि में 'विनिर्माण' क्षेत्र में 12.3 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि दर, 'निर्माण' क्षेत्र की वृद्धि 10.4 प्रतिशत और 'वित्तीय, रियल एस्टेट एवं मंत्रालय ने कहा कि इस साल के दौरान पेशेवर सेवा क्षेत्र में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह, अंतिम अनुमानों के अनुसार, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जिसमें मुख्य रूप से 'व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं' क्षेत्र (12.3 प्रतिशत), 'वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाएं' क्षेत्र (10.8 प्रतिशत) और 'बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं' क्षेत्र (10.8 प्रतिशत) में दोहरे अंकों की वृद्धि दर का योगदान है, आधिकारिक बयान के अनुसार