नई दिल्ली, 5 मार्च
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बुधवार को उत्तराखंड में पवित्र मंदिर केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के गुरुद्वारे में जाने वाले तीर्थयात्रियों को अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 6,811 करोड़ रुपये की लागत से दो रोपवे परियोजनाओं के निर्माण को मंजूरी दे दी।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर की रोपवे परियोजना को कुल पूंजीगत लागत पर डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा। सीसीईए की बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, 4,081.28 करोड़।
रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा, जिसकी डिज़ाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रति दिन 18,000 यात्रियों को ले जाएगी।
बयान में कहा गया है कि रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक, तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटाकर लगभग 36 मिनट कर देगी।
रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय पदार्थ (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पूरे वर्ष रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करेगी।
रोपवे परियोजनाओं का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में अंतिम मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।