इम्फाल, 11 मार्च
मणिपुर के सेनापति जिले में मंगलवार को एक बस के खाई में गिर जाने से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कम से कम तीन जवानों की मौत हो गई तथा नौ अन्य घायल हो गए।
इंफाल में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब 15 बीएसएफ जवानों को ले जा रही एक बस सेनापति जिले के चांगौबंग गांव में गहरी खाई में गिर गई, जिससे 12 जवान घायल हो गए। उनमें से तीन की बाद में मृत्यु हो गई।
बीएसएफ के जवान सड़क खोलने की ड्यूटी से कांगपोकपी जिले के एक कॉलेज में अपने शिविर में लौट रहे थे। घायल जवानों का अब सेनापति जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दुर्घटना के आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
मणिपुर राजभवन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा: “मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सेनापति जिले के चांगौबंग गांव में हुए दुखद हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है, जहां तीन बीएसएफ कर्मियों की जान चली गई। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मणिपुर में जातीय हिंसा के मद्देनजर सेना और असम राइफल्स के अलावा, बीएसएफ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के हजारों जवानों को मणिपुर में तैनात किया गया था।
3 मई, 2023 से आदिवासी कुकी-ज़ो और गैर-आदिवासी मीतेई लोगों के बीच जातीय हिंसा में कम से कम 258 लोग मारे गए हैं और 1,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
70,000 से अधिक लोग अपने घरों और गांवों से विस्थापित हो गए हैं और मणिपुर के विभिन्न जिलों तथा राज्य के बाहर राहत शिविरों में रह रहे हैं।
पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा तब भड़की जब पहाड़ी जिलों में जनजातीय संगठनों द्वारा मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आयोजन किया गया।