नई दिल्ली, 22 मार्च
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय ने करोड़ों रुपये के पर्ल एग्रो कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) धोखाधड़ी मामले में दिवंगत निर्मल सिंह भंगू के दामाद हरसतिंदर पाल सिंह हेयर को गिरफ्तार किया।
हेयर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया था। एक विशेष अदालत (पीएमएलए मामलों) ने उन्हें आगे की जांच के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
यह मामला सीबीआई, बीएसएफसी, नई दिल्ली द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 120-बी और 420 के तहत पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड और भंगू सहित इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। आरोपी धोखाधड़ीपूर्ण निवेश योजनाओं के संचालन में संलिप्त थे, तथा निवेशकों से लगभग 48,000 करोड़ रुपये की ठगी की थी। इन योजनाओं में निवेशकों को उच्च रिटर्न का वादा किया गया था, लेकिन वास्तव में कंपनी के निदेशकों द्वारा पैसा हड़प लिया गया था।
ईडी की जांच से पता चला कि हेयर ने पीएसीएल की कई सहयोगी कंपनियों में निदेशक के रूप में काम किया, जिनमें दो ऑस्ट्रेलियाई संस्थाएं - पर्ल्स ऑस्ट्रेलेशिया प्राइवेट लिमिटेड और ऑस्ट्रेलेशिया मिराज आई-प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। ईडी ने खुलासा किया कि इन कंपनियों ने अपराध की आय का 657.18 करोड़ रुपये ऑस्ट्रेलिया भेज दिया, जहां धन को विभिन्न अचल संपत्तियों में निवेश किया गया।
आगे की जांच से पता चला कि हेयर 25 जुलाई, 2016 को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए पीएसीएल की संपत्तियों को बेच रहा था, जिसमें निवेशकों को मुआवजा देने के लिए संपत्तियों को बेचने का निर्देश दिया गया था। जवाब में, ईडी ने ऑस्ट्रेलिया में 462 करोड़ रुपये मूल्य की दो अचल संपत्तियों के साथ-साथ भारत में 244 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को भी कुर्क किया।
ईडी ने ये विवरण न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के साथ भी साझा किया है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने संपत्ति के निपटान की प्रक्रिया की देखरेख करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया है कि धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को धन वापस किया जाए। इसके अलावा, पीएसीएल, भंगू और धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ दो अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं।