बेंगलुरु, 28 मार्च
शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का एक्सप्रेस पार्सल बाजार तेजी से विकास करने वाला है, वित्त वर्ष 2030 तक लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में 24-29 बिलियन शिपमेंट जोड़ देगा।
यह वित्त वर्ष 2024 के 8-9 बिलियन शिपमेंट के पैमाने से 19-23 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) होने की संभावना है।
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में, बाजार के 10-11 बिलियन शिपमेंट तक पहुंचने का अनुमान है, जिसे ई-कॉमर्स क्षेत्र, विशेष रूप से गैर-क्षैतिज और हाइपरलोकल/त्वरित वाणिज्य के उदय के कारण बढ़ावा मिलेगा।
वित्त वर्ष 2025 में एक्सप्रेस पार्सल बाजार में ई-कॉमर्स (हाइपरलोकल को छोड़कर) का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक था, जिसमें लगभग 4.8-5.5 बिलियन शिपमेंट थे। वित्त वर्ष 2030 तक इसके 15-16 बिलियन शिपमेंट तक बढ़ने की उम्मीद है, जो उस समय तक एक्सप्रेस पार्सल बाजार में 55-60 प्रतिशत का योगदान देगा।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत का एक्सप्रेस पार्सल बाजार पारंपरिक कूरियर से ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल शिपमेंट की ओर बढ़ रहा है, जो डिजिटल अपनाने, जनसांख्यिकीय बदलाव और शहरीकरण से प्रेरित है।
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के पार्टनर मृगांक गुटगुटिया ने कहा, "लोग अब तेज़, अधिक सुविधाजनक डिलीवरी की उम्मीद करते हैं, जो ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल शिपमेंट में उछाल ला रहा है, जबकि पारंपरिक पार्सल बहुत धीमी गति से बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स में वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 20-30 के बीच एक्सप्रेस पार्सल की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है, इसलिए एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स कंपनियों को आगे बने रहने और तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स तथा हाइपरलोकल अवसर परिदृश्य का अधिकतम लाभ उठाने के लिए अपनी रणनीतियों को पुनः संरेखित करने की आवश्यकता है।