रावलपिंडी, 8 अप्रैल
जैसे-जैसे पाकिस्तान अफ़गान शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन को तेज़ कर रहा है, रावलपिंडी शहर और छावनी क्षेत्रों के वाणिज्यिक केंद्रों में अफ़गानों के स्वामित्व वाले व्यवसाय बंद होने लगे हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 31 मार्च की समय-सीमा के नज़दीक आते ही हज़ारों अफ़गान शरणार्थियों को वापस अफ़गानिस्तान भेज दिया गया।
इस वापसी से बड़ी संख्या में अफ़गान प्रभावित हुए हैं जो दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं, जिनमें से कई पाकिस्तान में जन्मे हैं और कभी अफ़गानिस्तान में नहीं रहे।
देश के प्रमुख दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, रावलपिंडी में अफ़गान दुकानदारों ने अपना सामान बेचना, अपनी दुकानें बंद करना और गायब होना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा, अफ़गान नागरिकों द्वारा पहले इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के वाहन और भारी मशीनरी भी बेची जा रही हैं।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित अनेक अफगानी स्वामित्व वाली दुकानें या तो बंद हो चुकी हैं या बेच दी गई हैं, तथा शहर और छावनी में स्थित अनेक प्रसिद्ध अफगान होटल अब बंद हो चुके हैं, तथा उनके संकेत बदल दिए गए हैं।