पटना, 8 अप्रैल
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) परीक्षा गिरोह के कथित मास्टरमाइंड रवि भूषण को उसके करीबी सहयोगी शशि रंजन के साथ पटना जिले से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तारियां जुलाई 2024 की सीएचओ भर्ती परीक्षा के संबंध में की गई, जिसमें बिहार राज्य स्वास्थ्य सोसायटी के तहत 4,500 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया था।
यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड के माध्यम से 12 ऑनलाइन केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसका प्रबंधन ‘वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा किया गया था।
हालांकि, ईओयू की जांच में रिमोट एक्सेस हेरफेर और प्रॉक्सी सॉल्वर से जुड़े बड़े पैमाने पर घोटाले का पता चला।
एक अधिकारी के अनुसार, रवि भूषण और उनके नेटवर्क ने परीक्षा केंद्र संचालकों और सीबीटी आयोजित करने के लिए नियुक्त निजी कंपनी के साथ मिलीभगत की। उन्होंने परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के कंप्यूटर को हाईजैक करने के लिए प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस टूल का इस्तेमाल किया। ईओयू के एक अधिकारी ने बताया, "अभ्यर्थियों के साथ 4 से 5 लाख रुपये की डील की गई थी। सॉल्वर गैंग ने दूर से ही उनके कंप्यूटर तक पहुंच बनाई और पेपर हल किए।" नालंदा जिले के मुबारकपुर गांव के निवासी भूषण को पटना के भागवतपुर से रहुई थाने के बेसौर गांव के निवासी शशि रंजन उर्फ हैप्पी के साथ गिरफ्तार किया गया। एसआईटी ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए। जांच में पता चला कि रवि भूषण 2017 से पटना में 'गैलेक्सी ऑनलाइन सेंटर' से शुरू करके ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों को मैनपावर की आपूर्ति कर रहा था।
बाद में उसने दिल्ली और मुंबई में भी अपना कारोबार फैलाया और मेसर्स ब्रांसाइज टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की, जो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, मुंबई के साथ पंजीकृत एक परीक्षा आयोजित करने वाली फर्म है। गिरोह में रवि के भाई अवध भूषण और भारत भूषण शामिल थे, जिन्होंने कथित तौर पर दिसंबर 2024 में एम्स मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए टेंडर हासिल किए थे। हालांकि, सीएचओ पेपर लीक सामने आने और बिहार में घोटाले में रवि भूषण का नाम सामने आने के बाद परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। अब तक घोटाले के सिलसिले में 40 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच जारी है। पटना के ईओयू पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 28/2024 के रूप में मामला दर्ज किया गया था और कई अन्य रैकेटियर और केंद्र संचालक जांच के दायरे में हैं।