लिस्बन, 8 अप्रैल
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पुर्तगाल की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान लिस्बन में असेंबलीया दा रिपब्लिका या पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात की।
दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। वे इस बात पर सहमत थे कि भारत और पुर्तगाल की संसदों के बीच नियमित आदान-प्रदान से दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति मुर्मू को 'असेंबलीया दा रिपब्लिका' पहुंचने पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'असेंबलीया दा रिपब्लिका' के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ सार्थक बातचीत की। दोनों पक्षों ने भारत-पुर्तगाल संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत-पुर्तगाल संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों के साथ बैठक करने के अलावा संसद के सदस्यों से भी बातचीत की।" सोमवार शाम को, राष्ट्रपति मुर्मू ने पुर्तगाल के लिस्बन के सिटी हॉल में आयोजित एक समारोह में लिस्बन के मेयर से लिस्बन शहर की 'सिटी की ऑफ ऑनर' प्राप्त की। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने मेयर और लिस्बन के लोगों को इस सम्मान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि लिस्बन अपनी खुले विचारों, अपने लोगों की गर्मजोशी और अपनी संस्कृति के साथ-साथ सहिष्णुता और विविधता के प्रति सम्मान के लिए जाना जाता है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि लिस्बन एक वैश्विक शहर है जो तकनीकी परिवर्तन, नवाचार, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और डिजिटल संक्रमण में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल आगे भी सहयोग कर सकते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सोमवार शाम को पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा द्वारा पलासियो दा अजुडा में उनके सम्मान में आयोजित भोज में भी भाग लिया।
भोज के अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हमारे लोगों के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं और इन संबंधों ने हमारी सामूहिक कल्पना पर अमिट छाप छोड़ी है। इनमें हमारा साझा अतीत शामिल है जो वास्तुकला, ऐतिहासिक स्थलों और भाषाओं के साथ-साथ हमारे व्यंजनों में भी झलकता है।
उन्होंने कहा, "यह वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम भारत-पुर्तगाल द्विपक्षीय संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हमारे प्राकृतिक तालमेल और विविध क्षेत्रों में सहयोग की क्षमता के साथ, हमारे ऐतिहासिक संबंध एक गतिशील और दूरदर्शी साझेदारी बनने की ओर अग्रसर हैं।"
राष्ट्रपति मुर्मू ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, आईटी, स्टार्ट-अप, अनुसंधान, शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-पुर्तगाल सहयोग में निरंतर और प्रगतिशील वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, "ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, स्टार्ट-अप और नवाचार जैसे क्षेत्रों में अपनी ताकत का उपयोग कर समावेशी और सतत विकास मॉडल तैयार कर रहा है, जिससे सभी को लाभ हो। भारत इन प्रयासों में पुर्तगाल को अपना साझेदार मानता है।" यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने में पुर्तगाल की भूमिका की सराहना करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पुर्तगाल की यूरोपीय संघ की अध्यक्षता के दौरान ही 2000 में पहला भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था और मई 2021 में एक बार फिर पुर्तगाली अध्यक्षता के तहत पुर्तगाल में ऐतिहासिक 'भारत-यूरोपीय संघ प्लस 27 नेतृत्व शिखर सम्मेलन' आयोजित किया गया। राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भारत-पुर्तगाल द्विपक्षीय संबंध और भी घनिष्ठ और व्यापक होंगे और यह न केवल लोगों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लाभकारी होगा।