नई दिल्ली, 9 अप्रैल
शीर्ष उद्योग निकायों ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित ‘इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम’ (ईसीएमएस) को अधिसूचित करने से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिला है।
यह योजना भारत के कंपोनेंट विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
छह वर्षों में 22,919 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ, ईसीएमएस का लक्ष्य 4.56 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन करना, 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और लगभग 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करना है।
योजना के लिए आवेदन 1 मई से तीन महीने की शुरुआती अवधि के लिए खुलेंगे और उद्योग की प्रतिक्रिया के आधार पर इसे फिर से खोला जा सकता है।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा कि यह योजना न केवल भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगी बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले मजबूत भारतीय चैंपियन बनाने में भी मदद करेगी।
मोहिंद्रू ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने पहले ही अपनी छाप छोड़ दी है, खास तौर पर मोबाइल विनिर्माण में। ईसीएमएस उस गति को बनाए रखेगा और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 500 बिलियन डॉलर के सपने को साकार करने में मदद करेगा।" उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन निर्यात में भारत की मौजूदा ताकत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की देश की क्षमता को साबित करती है।