इंफाल, 10 अप्रैल
कुकी छात्र संगठन (केएसओ) सहित छह कुकी आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को मैतेई समुदाय से बफर जोन यानी तटस्थ क्षेत्रों को पार न करके कुकी-जो-हमार आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने का आग्रह किया।
छह कुकी आदिवासी संगठनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि ऐसी अटकलें हैं कि मैतेई समुदाय के लोग अप्रैल के महीने में थांगटिंग या थांगजिंग हिल्स में चिंग काबा के लिए बफर जोन पार करने का इरादा रखते हैं।
बयान में कहा गया है, "जब तक भारत सरकार द्वारा कुकी-जो-हमार समुदाय के लिए भारत के संविधान के तहत कोई राजनीतिक समझौता नहीं किया जाता, तब तक कुकी-जो-हमार भूमि के अधिकार क्षेत्र में मैतेई समुदाय के लिए इस तरह के किसी भी दोस्ताना दृष्टिकोण की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
संगठनों ने कहा कि आगे की स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए प्रत्येक समुदाय को यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए और बफर जोन का सम्मान करना चाहिए।
बयान में कहा गया है कि बफर जोन को पार करने की किसी भी मंशा का कुकी-जो-हमार समुदाय के लोग कड़ा विरोध करेंगे और सरकार से दोनों समुदायों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
थंगटिंग या थांगजिंग हिल्स, चुराचांदपुर जिले में एक पर्वत शिखर है।
उत्तर-दक्षिण में फैली पर्वत श्रृंखला इम्फाल घाटी की पश्चिमी सीमा का हिस्सा है।
इस बीच, आदिवासी बहुल चुराचांदपुर जिले में गुरुवार को कर्फ्यू में 16 घंटे से अधिक की ढील दी गई।