न्यूयॉर्क, 15 अप्रैल
मंगलवार को हुए एक अध्ययन के अनुसार, हृदय वाल्व संबंधी कुछ असामान्यता वाले लोगों में गंभीर हृदय ताल विकार विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है, जिसे अतालता भी कहा जाता है।
स्वीडन में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि माइट्रल एनुलर डिसजंक्शन (एमएडी) नामक वाल्व असामान्यता वेंट्रिकुलर अतालता के जोखिम को बढ़ाती है - हृदय ताल विकार का एक खतरनाक प्रकार जो, सबसे खराब स्थिति में, हृदय गति रुकने का कारण बन सकता है।
टीम ने पाया कि सफल वाल्व सर्जरी के बाद भी अतालता का जोखिम बना रहता है।
एमएडी अक्सर माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स नामक हृदय रोग से जुड़ा होता है, जो 2.5 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करता है और हृदय के वाल्वों में से एक को लीक कर देता है। इससे हृदय में रक्त पीछे की ओर पंप हो सकता है, जिससे हृदय गति रुक सकती है और अतालता हो सकती है। इस बीमारी के कारण सांस फूलना और धड़कन तेज होना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि MAD से पीड़ित लोगों में महिला होने की संभावना अधिक थी और वे MAD से पीड़ित लोगों की तुलना में औसतन आठ साल छोटी थीं।
उनमें माइट्रल वाल्व रोग भी अधिक व्यापक था।