सियोल, 23 अप्रैल
दक्षिण कोरिया के एसके ग्रुप की बायोफार्मास्युटिकल शाखा एसके बायोसाइंस ने बुधवार को कहा कि उसने मैसेंजर-आरएनए (एमआरएनए) कोविड-19 वैक्सीन के वैश्विक डेवलपर मॉडर्ना के खिलाफ पेटेंट अमान्यकरण मामले में "अंतिम जीत" हासिल की है।
कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि एसके बायोसाइंस ने 2023 में संशोधित न्यूक्लियोसाइड, न्यूक्लियोटाइड और न्यूक्लिक एसिड के साथ-साथ उनके उपयोग पर मॉडर्ना के पेटेंट को चुनौती देते हुए शून्यता का मुकदमा दायर किया।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मॉडर्ना का पेटेंट दक्षिण कोरिया में mRNA निर्माण तकनीक से संबंधित एकमात्र पंजीकृत पेटेंट है।
एसके बायोसाइंस ने तर्क दिया था कि पेटेंट ने "अनुचित रूप से प्राथमिकता अधिकार प्रदान किए, जिससे mRNA तकनीक के विकास में बाधा उत्पन्न हुई।"
विज्ञप्ति में कहा गया है कि विवादित पेटेंट को mRNA निर्माण में महत्वपूर्ण माना गया था और यह SK बायोसाइंस के अपने काम के लिए प्रासंगिक था, जिसमें mRNA-आधारित जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन उम्मीदवार GBP560 का विकास भी शामिल है।
एसके बायोसाइंस अमेरिकी अरबपति बिल गेट्स द्वारा स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन, कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) के सहयोग से इस वैक्सीन को विकसित कर रहा है।
CEPI ने पिछले कुछ वर्षों में SK बायोसाइंस सहित दक्षिण कोरिया के निजी और शैक्षणिक भागीदारों को US$357 मिलियन का वित्त पोषण प्रदान किया है।