नई दिल्ली, 25 अप्रैल
तीन दिवसीय ‘इंडिया स्टील 2025’ में विभिन्न हितधारकों को भारतीय इस्पात क्षेत्र में संभावनाओं, चुनौतियों और अवसरों तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार का लाभ उठाने की रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए एक मंच पर लाया गया है, इस्पात मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इस उद्घाटन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया, जिसमें उन्होंने घरेलू इस्पात उत्पादन को बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए भारत की रणनीतिक दृष्टि पर जोर दिया।
मंत्रालय के अनुसार, दिन के दौरान कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।
‘विकसित भारत: भारतीय अर्थव्यवस्था में इस्पात क्षेत्र की भूमिका’ विषय पर आयोजित सत्र में वरिष्ठ नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत के नेताओं के एक उच्च स्तरीय पैनल ने भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को साकार करने में इस्पात की महत्वपूर्ण भूमिका पर गहन चर्चा की।
'सीईओ राउंड टेबल' की अध्यक्षता इस्पात और भारी उद्योग मंत्रालय के राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने की, जिसमें भारतीय इस्पात क्षेत्र के लिए मौजूदा चुनौतियों और विकास पर चर्चा की गई।
'भारत-रूस गोलमेज' दोनों देशों के प्रमुख हितधारकों के बीच द्विपक्षीय जुड़ाव के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में कार्य करता है। चर्चा इस्पात और खनन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने, संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यापार सुविधा के लिए नए रास्ते तलाशने पर केंद्रित थी।