जयपुर, 30 अप्रैल
राजस्थान पुलिस ने जोधपुर में किराए के कमरे में चल रहे नकली नोटों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
अधिकारी ने बताया कि गिरोह 500 रुपये के नकली नोट छाप रहा था और 2 लाख रुपये के बदले 10 लाख रुपये के नकली नोट बेच रहा था।
उन्होंने बताया कि आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।
डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस काफी समय से गिरोह की गतिविधियों पर नजर रख रही थी।
उन्होंने बताया, "खुफिया सूचना के आधार पर मंगलवार रात को मंडोर कृषि उपज मंडी में छापा मारा गया। नागौर के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान पंचौड़ी निवासी श्रवण व्यास (28) और भावंडा निवासी बाबूलाल प्रजापत (40) के रूप में हुई है। इनके पास से 7.5 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं।" उन्होंने बताया कि आरोपियों ने बाजार क्षेत्र में एक दुकान के ऊपर अपना कारोबार स्थापित किया था, जहां उन्होंने नकली नोट छापने के लिए रंगीन प्रिंटर, स्कैनर, पेपर कटर और कंप्यूटर सिस्टम सहित उपकरण लगाए थे। उन्होंने कहा, "हमने पैकेजिंग सामग्री के साथ-साथ प्रचलन में आने वाले नकली 500 रुपये के नोटों के बंडल भी जब्त किए हैं।" उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि दोनों बड़े पैमाने पर खरीदारों, संभावित रूप से व्यापारियों को लक्षित कर रहे थे, जो 2 लाख रुपये की असली मुद्रा के बदले 10 लाख रुपये के नकली नोटों की पेशकश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने बालसमंद मगजी घाटी क्षेत्र में एक और किराए के परिसर के अस्तित्व का खुलासा किया। उन्होंने कहा, "हम उन्हें आगे की जांच के लिए दूसरे स्थान पर ले गए, जबकि नकली मुद्रा के उत्पादन और वितरण में शामिल व्यापक नेटवर्क को उजागर करने के प्रयास जारी हैं।" उन्होंने कहा कि अधिकारी उन लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिन्होंने नकली नोट खरीदे और उन्हें बाजार में प्रसारित किया।