श्रीनगर, 18 सितंबर
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के समक्ष उनके द्वारा दायर हलफनामों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में उल्लेखनीय 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, बलात्कार और अन्य आपराधिक मामले लंबित हैं।
आयोग के निर्धारित नियमों के अनुसार उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र के साथ स्व-शपथ पत्र दाखिल किया गया था।
ये उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं क्योंकि इस पर कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि जब तक अदालत में आरोप नहीं लगाया जाता और दोषी साबित नहीं किया जाता, तब तक प्रत्येक नागरिक को निर्दोष माना जाएगा।
आपराधिक मामलों का सामना करने वालों में भाजपा के चार, पीडीपी के चार, कांग्रेस के दो और नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक सदस्य शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनावी मैदान में उतरे 238 उम्मीदवारों में से 47 उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से सात उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध का आरोप है, जिनमें एक पर बलात्कार का मामला भी शामिल है। 37 उम्मीदवारों के खिलाफ अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि तीन के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज हैं।
इन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड के मामले होने के कारण ही चुनाव आयोग ने आठ निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया है। ईसीआई का कहना है कि जिस निर्वाचन क्षेत्र में तीन या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, उन्हें रेड-अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।