जम्मू, 20 फरवरी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को कहा कि जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के आईएएस अधिकारी के दो पारिवारिक सदस्यों पर मामला दर्ज किया है, जिन पर पहले आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में व्यक्तिगत रूप से मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने अब 2010 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार राजीव रंजन के दो सदस्यों पर उनकी वैध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मामला दर्ज किया है।
राजीव रंजन पर सीबीआई पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है। कुमार वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में सचिव राजस्व और श्रम एवं रोजगार विभाग के सचिव के पद पर तैनात हैं।
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार को जम्मू में राजीव रंजन के कार्यालय और वाराणसी, श्रीनगर और गुरुग्राम में उनसे जुड़ी संपत्तियों सहित 7 स्थानों पर छापेमारी की।
कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा जिले में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए हथियार लाइसेंस रैकेट में उन पर पहले से ही आरोप हैं।
सीबीआई द्वारा वर्ष 2019 से शस्त्र लाइसेंस रैकेट की जांच की जा रही है, क्योंकि यह पाया गया था कि शस्त्र लाइसेंस जारी करने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी, जिसमें ये लाइसेंस वित्तीय लाभ के लिए जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोगों को जारी किए गए थे। राजीव रंजन ही एकमात्र आईएएस अधिकारी नहीं हैं, जो कथित तौर पर शस्त्र लाइसेंस घोटाले में शामिल हैं।
सीबीआई ने शस्त्र लाइसेंस रैकेट में राजीव रंजन समेत आठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। भारत सरकार ने नवंबर 2024 में राजीव रंजन और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। शस्त्र लाइसेंस रैकेट के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बुधवार को सहकारी आवास निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक और अन्य के खिलाफ जम्मू में राज्य की जमीन के अवैध आवंटन के लिए मामला दर्ज किया है। आरोप है कि बजालता जम्मू में आवास बोर्ड ने अलग-अलग स्थानों पर 392 कनाल जमीन खरीदी और बाद में बोर्ड के प्रबंधन ने बोर्ड के अधिकारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके लगभग 584 कनाल जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया, जिसमें राज्य की जमीन भी शामिल है।