मुंबई, 4 मार्च
मंगलवार को एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल क्रेडिट कार्ड खर्च जनवरी महीने में 1,84,100 करोड़ रुपये (1,841 अरब रुपये) तक पहुंच गया, जो कि 14 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि (साल-दर-साल) है।
जनवरी 2025 में कुल क्रेडिट कार्ड लेनदेन की मात्रा 430 मिलियन थी, जो दिसंबर 2024 के उच्च आधार के कारण 1 प्रतिशत महीने-दर-महीने (एमओएम) की गिरावट के बावजूद, साल-दर-साल 31 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।
असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, लेन-देन की मात्रा में मंदी का कारण बढ़ती चूक के कारण बढ़ी हुई सावधानी है।
एवीपी-इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट अक्षय तिवारी ने कहा, "हालांकि क्रेडिट कार्ड डेटा में नए कार्ड डिस्पैच, कार्ड खर्च और प्रति कार्ड लेनदेन के मामले में उद्योग स्तर पर नरमी देखी गई, लेकिन एचडीएफसी और एसबीआई जैसे अग्रणी बैंकों ने उच्च कार्ड डिस्पैच देखा और परिणामस्वरूप बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई।"
बकाया क्रेडिट कार्डों की संख्या दिसंबर 2024 से 1.2 मिलियन कार्ड कम होकर 109 मिलियन हो गई। प्रति कार्ड औसत खर्च 1 प्रतिशत (महीने) से थोड़ा कम होकर 16,911 रुपये हो गया, हालांकि इसमें साल-दर-साल 1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
प्रति लेनदेन औसत खर्च 4,282 रुपये था, जो कि साल-दर-साल 15 प्रतिशत की कमी दर्शाता है, जो बदलते उपभोक्ता व्यवहार और व्यापक आर्थिक स्थितियों को दर्शाता है।