नई दिल्ली, 11 मार्च
संचार मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत में ब्रॉडबैंड ग्राहकों की कुल संख्या दिसंबर 2024 में मामूली रूप से बढ़कर 944.96 मिलियन हो गई, जो नवंबर में 944.76 मिलियन थी।
यह 0.02 प्रतिशत की मामूली मासिक वृद्धि दर थी। शीर्ष पांच ब्रॉडबैंड प्रदाताओं ने बाजार पर अपना वर्चस्व कायम रखा है, जिनकी कुल ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता संख्या में 98.40 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसमें वायर्ड और वायरलेस दोनों कनेक्शन शामिल हैं।
शहरी टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या में भी वृद्धि देखी गई, जो दिसंबर में 663.37 मिलियन हो गई, जबकि पिछले महीने यह 660.62 मिलियन थी।
शहरी क्षेत्र में 0.53 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर के साथ 3.50 मिलियन उपभोक्ताओं की शुद्ध वृद्धि देखी गई।
कुल मिलाकर, दिसंबर के अंत तक देश में टेलीफोन उपभोक्ताओं की कुल संख्या 1,189.92 मिलियन थी, जिसमें 2.78 मिलियन नए उपभोक्ता जुड़े।
समग्र टेली-घनत्व, जो प्रति 100 व्यक्तियों पर टेलीफोन कनेक्शनों की संख्या को दर्शाता है, नवम्बर में 81.67 प्रतिशत से बढ़कर दिसम्बर में 84.45 प्रतिशत हो गया।
मंत्रालय के अनुसार, शहरी दूरसंचार घनत्व बढ़कर 131.50 प्रतिशत हो गया, जबकि ग्रामीण दूरसंचार घनत्व थोड़ा सुधरकर 58.22 प्रतिशत हो गया।
इस बीच, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) की मांग मजबूत रही और दिसंबर में 13.85 मिलियन उपभोक्ताओं ने एमएनपी अनुरोध प्रस्तुत किया।
इससे एमएनपी आवेदनों की संचयी संख्या इसकी शुरूआत के बाद से 1,079.19 मिलियन तक पहुंच गयी। पीक विजिटर लोकेशन रजिस्टर (वीएलआर) डेटा के आधार पर सक्रिय वायरलेस ग्राहकों की संख्या दिसंबर 2024 में 1,060.34 मिलियन थी।
इस बीच, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष अक्टूबर में लगभग 13.45 मिलियन उपभोक्ताओं ने एमएनपी के लिए अनुरोध प्रस्तुत किया, जिससे सितम्बर के अंत में संचयी एमएनपी अनुरोधों की संख्या 1,039.11 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर में 1,052.56 मिलियन हो गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या सितम्बर में 36.93 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर के अंत तक 37.79 मिलियन हो गयी।
31 अक्टूबर तक, तीन सार्वजनिक क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं, बीएसएनएल, एमटीएनएल और एपीएसएफएल, के पास सामूहिक रूप से वायरलाइन बाजार की 23.29 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।