अगरतला, 16 अप्रैल
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को त्रिपुरा के पहाड़ी धलाई जिले में एक बड़ा पेड़ उखड़कर उनके ऊपर गिर गया, जिससे कम से कम दो मजदूरों की मौत हो गई, जिनमें एक महिला भी शामिल है।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि धलाई जिले के अंबासा ब्लॉक के अंतर्गत नैलाफाबारी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत सरकारी जमीन पर चेक डैम खोदते समय एक बड़ा पेड़ उखड़कर मजदूरों पर गिर गया।
चेक डैम एक छोटा बांध होता है, जो कटाव को कम करने और पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किसी चैनल, खाई या धारा पर बनाया जाता है। चेक डैम का इस्तेमाल अक्सर कृषि, पहाड़ी क्षेत्रों और शुष्क क्षेत्रों में किया जाता है।
अधिकारी ने बताया कि रॉबर्ट मालसुम (22) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल श्रमिकों - जूही रानी मालसुम (26), सुरज्यसा मालसुम (35) और जगत भक्त मालसुम (5) को तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां जूही रानी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
अंबासा ब्लॉक प्राधिकरण ने पीड़ितों और घायल श्रमिकों के परिवारों को प्रारंभिक मुआवजा प्रदान किया है।
इस योजना को वैधानिक समर्थन देने के लिए संसद में मनरेगा की अवधारणा बनाई गई और इसे अधिनियमित किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान किया जाता है, जो अकुशल मैनुअल काम करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं।
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य मजदूरी रोजगार को बढ़ाना है, और सहायक उद्देश्य ऐसे कार्यों के माध्यम से प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को मजबूत करना है जो सूखा, वनों की कटाई, मिट्टी के कटाव जैसी पुरानी गरीबी के कारणों को संबोधित करते हैं और इस प्रकार सतत विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
इस योजना के क्रियान्वयन में केंद्र और राज्य सरकारों तथा पंचायती राज संस्थाओं की सहयोगात्मक भागीदारी की परिकल्पना की गई है।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इस कार्यक्रम के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की लागत का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करती है, जबकि शेष 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। योजना के क्रियान्वयन की निगरानी राज्य और जिला दोनों स्तरों पर बारीकी से की जाती है।