नई दिल्ली, 17 अप्रैल
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को विश्व हीमोफीलिया दिवस पर कहा कि देश में हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों से लड़ने के लिए जागरूकता बढ़ाना, शीघ्र निदान करना और देखभाल तक पहुंच में सुधार करना महत्वपूर्ण है।
रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम है: "सभी के लिए पहुंच: महिलाओं और लड़कियों को भी रक्तस्राव होता है"।
हीमोफीलिया एक दुर्लभ रक्तस्राव विकार है जिसमें मामूली चोटों में भी रक्त ठीक से जम नहीं पाता है।
नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "#विश्वहीमोफीलिया दिवस पर, आइए हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं, शीघ्र निदान को बढ़ावा दें और देखभाल तक पहुंच में सुधार करें।" उन्होंने कहा, "इस वर्ष की थीम - "सभी के लिए पहुंच: महिलाओं और लड़कियों को भी रक्तस्राव होता है" - हमें महिलाओं और लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली अनूठी चुनौतियों को पहचानने और सभी के लिए समावेशी, समान स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने का आग्रह करती है।" भारत हीमोफीलिया के एक बड़े बोझ का सामना कर रहा है, दुनिया भर में दूसरे सबसे बड़े रोगी हैं, जिनका अनुमान लगभग 1,36,000 है। फिर भी, "केवल 18 प्रतिशत का निदान किया जाता है, जबकि विकसित देशों में यह 90 प्रतिशत है," एम्स दिल्ली में हेमटोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. तूलिका सेठ ने बताया। उन्होंने कहा, "हीमोफीलिया एक रक्तस्राव विकार से कहीं अधिक है - यह एक आजीवन लड़ाई है जिसके लिए निरंतर देखभाल, समय पर निदान और उपचार तक पहुंच की आवश्यकता होती है।"