नई दिल्ली, 29 अप्रैल
इस महीने की शुरुआत में मेगा यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आउटेज के मद्देनजर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि यूपीआई को भेजे जाने वाले सभी एपीआई अनुरोधों (ट्रैफिक) की निगरानी की जाए और उचित उपयोग के संदर्भ में मॉडरेट किया जाए।
बैंकों द्वारा लगातार ट्रांजेक्शन स्टेटस की जांच के परिणामस्वरूप 12 अप्रैल को यूपीआई आउटेज की स्थिति पैदा हो गई, जिससे लाखों लोग फंस गए।
एनपीसीआई ने एक अधिसूचना में कहा है कि बैंक मूल ट्रांजेक्शन की शुरुआत/प्रमाणीकरण के 90 सेकंड बाद पहला चेक ट्रांजेक्शन स्टेटस एपीआई शुरू करेंगे।
एजेंसी ने कहा, "टाइमर बदलने के बाद, सदस्य मूल ट्रांजेक्शन की शुरुआत/प्रमाणीकरण के 45 से 60 सेकंड बाद इसे शुरू कर सकते हैं, एनपीसीआई द्वारा संशोधित संचार के बाद।" बैंक अधिकतम तीन चेक ट्रांजेक्शन स्टेटस एप शुरू कर सकते हैं, अधिमानतः मूल लेनदेन की शुरुआत/प्रमाणीकरण से दो घंटे के भीतर।
भुगतान सेवा प्रदाता बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि यूपीआई को भेजे गए सभी एपीआई अनुरोधों (ट्रैफिक) की निगरानी की जाए और उचित उपयोग के संदर्भ में मॉडरेट किया जाए - एक ही लेनदेन या पुराने लेनदेन आदि के लिए दोहराए गए एपीआई की उच्च संख्या को प्रतिबंधित करने के लिए।