कोलकाता, 24 जून
सीबीआई पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में कार्यरत कुछ शिक्षकों की जांच कर रही है, जिन पर स्कूल के बदले नौकरी मामले में बिचौलियों की भूमिका निभाने का संदेह है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों से पूछताछ के दौरान बिचौलियों के रूप में शिक्षकों की भूमिका सामने आई, जिन पर भारी रकम चुकाने के बाद नियुक्ति पाने का संदेह था।
सूत्रों ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत 11 शिक्षक और दो गैर-शिक्षण कर्मचारी भर्तियों में उनकी भूमिका के लिए केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में हैं।
ये उन 35 नए बिचौलियों में से हैं जिनका नाम पिछले कुछ महीनों में जांच के दौरान सामने आया था.
जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि अलग-अलग पोस्टिंग के लिए अलग-अलग दरें ली गईं।
उम्मीदवारों के निवास स्थान के निकटतम पोस्टिंग के लिए सबसे अधिक राशि ली गई थी।
सीबीआई अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया लगभग 2,500 उम्मीदवारों की पहचान की है, जिन्हें अकेले 2016 में भुगतान के बदले नौकरी मिली थी।
स्कूल नौकरी मामले में अपनी अलग-अलग चार्जशीट में सीबीआई और ईडी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को पूरे मामले में मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना है।
केंद्रीय एजेंसियों ने अपने आरोप पत्र में यह भी स्थापित करने का प्रयास किया है कि प्रभावशाली बिचौलियों की पार्थ चटर्जी के आवास तक आसान पहुंच थी।
मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पार्थ चटर्जी 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं।