मुंबई, 26 जून
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास जीएसटी जैसे संरचनात्मक आर्थिक सुधारों से प्रेरित होकर भारत को निरंतर आधार पर 8 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि पथ की ओर आगे बढ़ते हुए देखते हैं।
दास ने 188वीं एजीएम (वार्षिक आम बैठक) में कहा, "अगर आप तीन वर्षों में भारत की औसत वृद्धि को देखें, तो औसत 8.3 प्रतिशत आता है और चालू वर्ष में हमने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।" बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री।
भारत की विकास गति मजबूत बनी हुई है और आने वाले महीनों में इसमें और सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश निरंतर आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की राह पर है।
आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में तेजी आई है, जिससे विकास को और मदद मिलेगी।
उन्होंने विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के बीच वैश्विक विकास में भारत के योगदान पर भी प्रकाश डाला।
“पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक विकास में 18.5 प्रतिशत का योगदान दिया, यानी वैश्विक विकास का 18.5 प्रतिशत भारत द्वारा संचालित था। यह एक उपलब्धि है क्योंकि 7 या 8 साल पहले यह काफी कम थी और मुझे लगता है कि आईएमएफ का अनुमान है कि यह वृद्धि बढ़ेगी।''
उन्होंने कहा कि इस वृद्धि के प्रमुख चालक जीएसटी, दिवाला और दिवालियापन संहिता और लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण का कार्यान्वयन हैं।
उन्होंने कहा, "जीएसटी में करों की बहुलता से बचने का लाभ है। यह 1947 के बाद से भारत के सबसे बड़े संरचनात्मक सुधारों में से एक है।"
उन्होंने कहा, जीएसटी संग्रह एक महीने में 1.7 लाख करोड़ तक पहुंच गया है और यह हर महीने 1.5 से 1.7 लाख करोड़ के बीच है।
उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अपनी वर्तमान स्थिति से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।