नई दिल्ली, 28 जून
एविएशन एनालिटिक्स फर्म OAG द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत अब अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है, क्योंकि इंडिगो और एयर इंडिया जैसी एयरलाइनों ने हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या को पूरा करने के लिए अपने बेड़े का आकार बढ़ाया है।
आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की घरेलू एयरलाइन क्षमता पिछले 10 वर्षों में दोगुनी हो गई है, जो अप्रैल 2014 में 7.9 मिलियन सीटों से बढ़कर अप्रैल 2024 में 15.5 मिलियन हो गई और ब्राजील और इंडोनेशिया को पीछे छोड़ कर 5वें स्थान पर पहुंच गई।
भारत ने ब्राज़ील को पीछे छोड़ दिया है, जो अब 9.7 मिलियन एयरलाइन सीटों के साथ चौथे स्थान पर है, इसके बाद 9.2 मिलियन के साथ इंडोनेशिया पांचवें स्थान पर है।
भारत ने पिछले दशक में शीर्ष पांच देशों में सबसे अधिक 6.9 प्रतिशत की वार्षिक औसत क्षमता वृद्धि दर दर्ज की है, इसके बाद चीन 6.3 प्रतिशत और अमेरिका 2.4 प्रतिशत है।
इंडिगो और एयर इंडिया, जिनके पास कुल मिलाकर ऑर्डर पर 1,000 से अधिक विमान हैं, देश की 10 में से 9 घरेलू सीटें हैं।
ओएजी के अनुसार, भारत का कम लागत वाले वाहक (एलसीसी) में परिवर्तन शीर्ष पांच में सबसे तेज रहा है।
अप्रैल 2024 में, भारतीय घरेलू क्षमता में एलसीसी की हिस्सेदारी 78.4 प्रतिशत थी, इसके बाद इंडोनेशिया में 68.4 प्रतिशत, ब्राजील में 62.4 प्रतिशत, अमेरिका में 36.7 प्रतिशत और चीन में 13.2 प्रतिशत थी।