नई दिल्ली, 4 जुलाई
भारत सरकार तेजी से डिजिटल भुगतान के लिए विश्व स्तर पर यूपीआई पर जोर दे रही है। अब यूपीआई मध्य पूर्व के देश यूएई में भी उपलब्ध होगा।
एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने इसके लिए मध्य पूर्व और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
अब संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय यात्री या एनआरआई प्वाइंट ऑफ सेल मशीनों के माध्यम से क्यूआर कोड के माध्यम से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान करेंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के व्यापारियों के बीच यूपीआई भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता न केवल भारतीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवीन डिजिटल भुगतान समाधानों को बढ़ावा देगी।
एनपीसीआई की विज्ञप्ति के अनुसार, "2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों की संख्या 98 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। लगभग 53 लाख भारतीयों के अकेले यूएई पहुंचने की संभावना है।"
भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और NPCI इंटरनेशनल वैश्विक मंच पर UPI को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
यूपीआई आधिकारिक तौर पर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में स्वीकार किया जाता है।
एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, जून में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी।
सालाना आधार पर इसमें 49 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.
इस अवधि के दौरान, UPI के माध्यम से लेनदेन की औसत संख्या प्रति दिन 463 मिलियन थी और प्रति दिन औसत लेनदेन मूल्य 66,903 करोड़ रुपये था।
यूपीआई ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड का यूपीआई से लिंक होना और विदेशों में भी यूपीआई का लॉन्च होना है।