नई दिल्ली, 17 अगस्त
भारत सरकार UPI को वैश्विक भुगतान मंच के रूप में बढ़ावा दे रही है। अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में व्यापारी भारतीय ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए यूपीआई के जरिए रुपये में भुगतान स्वीकार कर रहे हैं।
संयुक्त अरब अमीरात की सबसे बड़ी खुदरा कंपनियों में से एक, लुलु ने देश में अपने सभी स्टोरों में ग्राहकों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान स्वीकार करने का विकल्प देना शुरू कर दिया है।
भारतीय नागरिक भारत की तरह ही यूपीआई ऐप का उपयोग करके आसानी से भुगतान कर सकते हैं। भुगतान की गई राशि भारत में उनके बैंक खाते से काट ली जाएगी। ऐसे में भारतीय नागरिक और एनआरआई भारत की तरह यूएई में भी यूपीआई के जरिए आसानी से रुपये में शॉपिंग कर सकते हैं।
यूएई में जुलाई की शुरुआत में यूपीआई भुगतान शुरू किया गया था। लुलु के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात में कई बड़े और छोटे व्यापारियों द्वारा यूपीआई के माध्यम से भुगतान स्वीकार किया जा रहा है।
यूएई में भारतीय नागरिक और एनआरआई प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के जरिए क्यूआर कोड के जरिए आसानी से भुगतान कर सकते हैं।
एनपीसीआई के अनुसार, "2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों की संख्या 98 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। लगभग 53 लाख भारतीयों के अकेले यूएई पहुंचने की संभावना है।"
भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और NPCI इंटरनेशनल वैश्विक मंच पर UPI को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
यूपीआई आधिकारिक तौर पर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में स्वीकार किया जाता है।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आधारित लेनदेन जुलाई महीने में साल-दर-साल आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर 20.07 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 20.64 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
जुलाई में कुल यूपीआई लेनदेन संख्या लगभग 4 प्रतिशत (माह-दर-माह) बढ़कर 14.44 बिलियन हो गई, जो पिछले महीने में 13.89 बिलियन थी।
चूंकि यूपीआई की सफलता की कहानी कई देशों द्वारा अपनाई जा रही है, औसत दैनिक लेनदेन मात्रा पिछले महीने 466 मिलियन रही, जबकि जून में यह 463 मिलियन थी।