नई दिल्ली, 21 सितंबर
भारत के छोटे शहरों के निवेशक पहले की तरह म्यूचुअल फंड को अपना रहे हैं और शीर्ष 15 से अधिक शहरों में ऐसे निवेशकों की हिस्सेदारी पिछले चार वर्षों में काफी बढ़ी है, शनिवार को एक नई रिपोर्ट से पता चला।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2024 तक 39 प्रतिशत निवेशकों के साथ मुंबई और दिल्ली ने सबसे अधिक निवेशकों के साथ अपना स्थान बनाए रखा है, वहीं अन्य शहरों ने मार्च 2021 से लगातार 30 प्रतिशत से अधिक निवेशकों का योगदान दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2023 तक मुंबई और दिल्ली ने भी 40 प्रतिशत से अधिक निवेशकों का योगदान दिया, लेकिन इस साल मार्च में इन महानगरों का योगदान घटकर 39 प्रतिशत हो गया।
साथ ही, 30 से नीचे के शहरों में निवेशकों की प्रबंधनाधीन संपत्ति (एयूएम) ने देश के शीर्ष 30 शहरों के एयूएम में शीर्ष वृद्धि को पीछे छोड़ दिया।
शीर्ष 30 शहरों में एयूएम की वृद्धि दिसंबर 2018 में 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अगस्त 2024 में 54 लाख करोड़ रुपये हो गई - 19 प्रतिशत की सीएजीआर।
दूसरी ओर, नीचे के 30 शहरों में 24 प्रतिशत का सीएजीआर देखा गया, जो दिसंबर 2018 में 4 लाख करोड़ रुपये एयूएम से बढ़कर अगस्त 2024 तक 12 लाख करोड़ रुपये हो गया।