इस्लामाबाद, 27 सितंबर
अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के कुर्रम आदिवासी जिले में फसल की बुआई को लेकर दो परिवारों के बीच हुआ मामूली विवाद बड़े सांप्रदायिक संघर्ष में बदल गया, जिसमें आठ दिनों के भीतर कम से कम 46 लोग मारे गए और 80 से अधिक घायल हो गए।
यह जिला पाकिस्तानी प्रांत में सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक रहा है, न केवल आतंकवाद और आतंकवादी समूहों के प्रसार के मामले में, बल्कि दशकों से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच भूमि दावे विवादों के लिए भी।
कुर्रम के उपायुक्त जावेदुल्लाह महसूद ने कहा, "जिला प्रशासन, पुलिस, सेना और स्थानीय आदिवासी बुजुर्ग युद्धरत गुटों को यह समझाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं कि युद्धविराम सभी के हित में होगा।"
बुधवार को युद्धविराम समझौता हुआ लेकिन कुर्रम जिले की ऊपरी, निचली और मध्य तहसीलों में सशस्त्र झड़पें जारी रहीं।
क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने कहा कि दोनों पक्षों के हताहतों की अनुमानित संख्या निश्चित रूप से बहुत अधिक होगी।
"मरने वालों की संख्या बताई जा रही संख्या से कहीं अधिक है। कम से कम 80 लोग पहले ही घायल हो चुके हैं। हमें अभी भी यकीन नहीं है कि यह लड़ाई कब तक जारी रहेगी क्योंकि दोनों पक्षों में न केवल भूमि दावों पर बल्कि अन्य मुद्दों पर भी एक-दूसरे के खिलाफ गंभीर प्रतिद्वंद्विता है।" एक स्थानीय ने कहा, ''सांप्रदायिक शब्द, क्योंकि एक पक्ष सुन्नी संप्रदाय से है और दूसरा शिया संप्रदाय से है।''