जयपुर, 10 अक्टूबर
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने गुरुवार को कहा कि अपराधियों में पुलिस का इतना डर होना चाहिए कि वे या तो अपराध छोड़ दें या फिर राज्य छोड़ दें।
गृह विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य में अराजकता और अशांति फैलाने की मंशा रखने वाले असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए पुलिस खुफिया तंत्र और मुखबिर तंत्र का सर्वोत्तम उपयोग करके कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें। अपराधियों को या तो अपराध छोड़ देना चाहिए या फिर राज्य छोड़ देना चाहिए, क्योंकि उन्हें पुलिस की कार्रवाई से डरना चाहिए।"
उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उनकी सतर्कता और चौकसी कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शर्मा ने निर्देश दिए कि पुलिस राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी सतर्कता और तत्परता से काम करे। उन्होंने कहा कि कानून का उच्च स्तर बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसे सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को महिलाओं और अनुसूचित जाति के विरूद्ध अपराधों में कमी लाने के लिए प्रोत्साहित किया तथा साइबर अपराध और अवैध मादक पदार्थों के व्यापार में संलिप्त अपराधियों से सख्ती से निपटने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की सजगता और सतर्कता के कारण राज्य में अपराधों का ग्राफ पिछले वर्ष की तुलना में तेजी से गिरा है।
राज्य स्तर पर राज्य में कुल अपराधों में 7.3 प्रतिशत की कमी आई है। महिलाओं के विरूद्ध अत्याचारों में 8.8 प्रतिशत और अनुसूचित जाति अत्याचारों के मामलों में 13.96 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है और साइबर पुलिस थाने भी बनाए गए हैं।
उन्होंने भरतपुर में साइबर अपराध की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि पुलिस विभाग साइबर अपराध पर लगातार निगरानी रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सीएलजी सदस्य और ग्राम रक्षक हैं तथा सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से अपराध नियंत्रण, समाज में जागरूकता और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोगी भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स विभाग जिम्मेदारी लेकर नशे के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से बचाना है।
उन्होंने जेलों में मोबाइल फोन से संबंधित घटनाओं का भी संज्ञान लिया और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि जेल परिसर में अपराधी मोबाइल फोन का उपयोग करते पाए गए तो संबंधित जेल कर्मियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पेपर लीक मामलों में एसओजी द्वारा की जा रही जांच की भी सराहना करते हुए कहा कि एसओजी की कार्रवाई की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए काम किया।