नई दिल्ली, 11 अक्टूबर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, संक्रमण को रोकने के लिए टीके महत्वपूर्ण हैं और इस प्रकार एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को कम करने, बढ़ते रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) से निपटने के विश्वव्यापी प्रयासों का समर्थन करते हैं।
रिपोर्ट से पता चला है कि 24 रोगजनकों के खिलाफ टीके हर साल वैश्विक स्तर पर आवश्यक एंटीबायोटिक दवाओं की संख्या को 22 प्रतिशत या 2.5 बिलियन परिभाषित दैनिक खुराक तक कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि इन सभी रोगजनकों के खिलाफ टीके लगाए जा सकते हैं, तो यह एएमआर से जुड़ी अस्पताल की लागत का एक तिहाई बचा सकता है।
रोगाणुरोधी दवाओं का दुरुपयोग और अति प्रयोग एएमआर का कारण बनता है, जिससे लोग बीमार हो जाते हैं और बीमारी, मृत्यु और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है जिसका इलाज करना मुश्किल होता है। हर साल, एएमआर दुनिया भर में लगभग 5 मिलियन लोगों की जान ले लेता है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने कहा, "रोगाणुरोधी प्रतिरोध को संबोधित करना संक्रमण को रोकने से शुरू होता है, और टीके ऐसा करने के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरणों में से एक हैं।"
घेब्रेयसस ने एएमआर से लड़ने के लिए "मौजूदा टीकों तक पहुंच बढ़ाने और तपेदिक (टीबी) जैसी गंभीर बीमारियों के लिए नए टीके विकसित करने" का आह्वान किया।
यह रिपोर्ट तब आई है जब सितंबर में एएमआर पर हाल ही में संपन्न 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में विश्व नेताओं ने 2030 तक बैक्टीरिया एएमआर से होने वाली मौतों को सालाना 10 प्रतिशत तक कम करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
नई रिपोर्ट का अनुमान है कि न्यूमोकोकस निमोनिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी, एक बैक्टीरिया जो निमोनिया और मेनिनजाइटिस का कारण बनता है) और टाइफाइड के खिलाफ पहले से ही उपयोग में आने वाले टीके हर साल एएमआर से जुड़ी 1,06,000 मौतों को रोक सकते हैं।