मनीला, 17 अक्टूबर
गुरुवार को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नई रिपोर्ट के अनुसार, हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियाँ (एनसीडी) पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य सांख्यिकी 2023: सतत विकास लक्ष्यों के लिए स्वास्थ्य की निगरानी में कहा गया है, "जबकि संक्रामक रोग और चोटें पहले पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में बीमारी और मृत्यु के प्रमुख कारण थे, इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण महामारी विज्ञान बदलाव हो रहा है।"
इसमें यह भी कहा गया है कि इस क्षेत्र में जनसंख्या की उम्र भी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि यहाँ 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 245 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से कई एनसीडी से पीड़ित हैं, समाचार एजेंसी ने बताया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब और तंबाकू का सेवन एनसीडी के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक बना हुआ है। वर्ष 2000 के बाद से इस क्षेत्र में शराब की खपत में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि वर्ष 2000 में धूम्रपान करने वाले वयस्कों में तम्बाकू का उपयोग 28 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2022 में 22.5 प्रतिशत हो गया, फिर भी यह वैश्विक औसत 20.9 प्रतिशत से अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण और जलवायु संबंधी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी आबादी को प्रभावित करती हैं।
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक सिया माउ पियुकाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "एनसीडी का मुद्दा आसान नहीं है, लेकिन हम सभी एनसीडी की इस बढ़ती लहर को संबोधित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।"
पियुकाला ने आयातित प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को एनसीडी की बढ़ती संख्या के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले और स्वस्थ भोजन और मछली पकड़ने से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की ओर बदलाव हो रहा है। कई लोगों के लिए, प्रसंस्कृत भोजन उनके दैनिक जीवन का हिस्सा है। जब तक हम सामाजिक और वाणिज्यिक निर्धारकों को संबोधित नहीं करते, तब तक इसका समाधान आसान नहीं है।"