नई दिल्ली, 18 अक्टूबर
आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने शुक्रवार को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और पार्टी के सहयोगी सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने के दिल्ली की अदालत के फैसले की सराहना की और इसे सत्य की जीत बताया।
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की दो साल की सजा खत्म होने का स्वागत करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, "आखिरकार सत्य की जीत हुई।"
जैन को राहत देने के लिए न्यायपालिका का धन्यवाद करते हुए चड्ढा ने लिखा, "सत्येंद्र जैन दिल्ली में स्वास्थ्य क्रांति के जनक हैं। विश्व स्तरीय अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और मोहल्ला क्लीनिक बनाने के पीछे उनकी ही ताकत है।"
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी जैन को जमानत दिए जाने का स्वागत किया। "उनके घर पर चार बार छापेमारी की गई, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। उन्हें फर्जी पीएमएलए मामले में जेल में रखा गया था। झूठ और बेबुनियाद आरोपों का इस्तेमाल करके सत्येंद्र जैन को इतने लंबे समय तक जेल में रखा गया।'' सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा।
एक अलग पोस्ट में सिसोदिया ने कहा कि जैन इस मामले में जमानत पाने वाले चौथे आप नेता हैं। इससे पहले सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को भी अदालत से इसी तरह की राहत मिल चुकी है।
सिसोदिया ने दावा किया कि जैन को दिल्लीवासियों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के उनके 'अपराध' के कारण प्रताड़ित किया गया।
उन्होंने कहा, ''मोदी जी ने गरीबों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और मोहल्ला क्लीनिक बंद करने के इरादे से जैन को जेल भेजा।'' राउज एवेन्यू कोर्ट ने जैन को उनकी लंबी कैद और ट्रायल शुरू होने में देरी को ध्यान में रखते हुए जमानत दी।
इस साल की शुरुआत में 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें तुरंत जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
इससे पहले आप नेता करीब 10 महीने तक अंतरिम मेडिकल बेल पर बाहर रहे। शीर्ष अदालत ने मई 2023 में जैन को शुरू में छह सप्ताह के लिए अंतरिम राहत दी थी, लेकिन समय-समय पर इसे बढ़ाया गया।
जैन के खिलाफ ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) और 13(ई) के तहत दर्ज एक एफआईआर से उत्पन्न हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2015 और 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
इसके अतिरिक्त, ईडी ने आरोप लगाया कि जैन के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के माध्यम से शेल कंपनियों से आवास प्रविष्टियों के माध्यम से 4.81 करोड़ रुपये मिले।