नई दिल्ली, 19 अक्टूबर
शनिवार को मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य कवर के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने का कमोबेश फैसला किया।
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी छूट/कटौती उद्योग की लंबे समय से लंबित मांग है क्योंकि इस कदम से बीमाकर्ताओं और पॉलिसीधारकों दोनों पर कर का बोझ कम होगा।
जबकि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में जीओएम के अधिकांश पैनल सदस्यों ने स्वास्थ्य और जीवन पॉलिसी प्रीमियम पर "पूर्ण छूट" की वकालत की, वहीं कुछ पैनल सदस्यों ने दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।
दरों को युक्तिसंगत बनाने का काम सौंपा गया मंत्रिस्तरीय पैनल 31 अक्टूबर तक जीएसटी परिषद को अपनी सिफारिशें सौंपने वाला है। इस संबंध में अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा अगली बैठक में लिया जाएगा।
वर्तमान में, जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।
जीएसटी परिषद ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी पर बहस के बाद सितंबर की बैठक में इस मामले को उठाया। पैनल ने केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों से मिलकर बने फिटमेंट पैनल द्वारा सुझाए गए विभिन्न विकल्पों में राजस्व निहितार्थ पर चर्चा की। जीओएम की बैठक के दौरान चर्चा किए गए अन्य विकल्पों में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम और 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले प्रीमियम को छूट देना या वैकल्पिक रूप से, केवल वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम को जीएसटी के दायरे से छूट देना शामिल था।
पिछले महीने, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर कर की दर में कटौती करने के साथ-साथ कैंसर की दवाओं पर जीएसटी कम करने के लिए एक जीओएम का गठन किया था। 9 सितंबर को आयोजित 54वीं जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लागू जीएसटी पर निर्णय के साथ व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए “व्यापक सहमति” बनी।