श्री फतेहगढ़ साहिब/4 नवंबर:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत यूनिवर्सिटी, मंडी गोबिंदगढ़ ने अन्य श्रेणियों के अलावा मेधावी, जरूरतमंद, वंचित, आर्थिक रूप से पिछड़े, शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों और लड़कियों को समर्थन देने के लिए माता जरनैल कौर कॉर्पस फंड छात्रवृत्ति योजना की स्थापना की है। यह पहल विविध पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए समावेशिता और समान शैक्षिक अवसरों के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय या अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।देश भगत यूनीवरसिटी ने परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस महत्वपूर्ण मील पत्थर को चिह्नित किया। यह छात्रवृत्ति निधि माता जरनैल कौर जी की विरासत का सम्मान करती है और इसकी शुरुआत एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता और परोपकारी व्यक्ति हरदेव सिंह द्वारा 1 करोड़ रुपये के उदार योगदान से की जा रही है। इस अवसर पर श्री हरदेव सिंह को सम्मानित भी किया गया।यूनीवरसिटी उन व्यक्तियों और संगठनों से और अधिक योगदान को प्रोत्साहित कर रहा है जो इस उद्देश्य का समर्थन करना चाहते हैं, जिसका लक्ष्य फंड की पहुंच और प्रभाव को व्यापक बनाना है। देश भगत यूनीवरसिटी के कुलपति डॉ. ज़ोरा सिंह ने इस सकालरशिप सकीम की स्थापना के लिए आभार व्यक्त किया और शिक्षा तक पहुँच में अंतर को कम करने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, यह छात्रवृत्ति न केवल माता जरनैल कौर जी को श्रद्धांजलि है, बल्कि उन छात्रों को सशक्त बनाकर शिक्षा में समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है, जो वित्तीय या सामाजिक बाधाओं के कारण अवसरों से वंचित हो जाते हैं। हमारा लक्ष्य प्रत्येक योग्य छात्र को अपने सपनों को प्राप्त करने और अपने और समाज के लिए बेहतर भविष्य बनाने में सक्षम बनाना है। इस दौरान प्रो-चांसलर डा. तजिन्दर कौर भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थीं, जिन्होंने माता जरनैल कौर मेमोरियल स्कॉलरशिप फंड की घोषणा को अपना समर्थन दिया।इस मौके अपने सम्बोधन में वाईस चांसलर डा. अभिजीत जोशी ने कहा कि इस पहल के साथ, देश भगत यूनीवरसिटी युवाओं को सशक्त बनाने, विविधता को बढ़ावा देने और पूरे क्षेत्र में उच्च शिक्षा समावेशिता में एक बेंचमार्क स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
इस अवसर पर बोलते हुए डीबीयू के वाईस प्रैज़ीडैंट डॉ. हर्ष सदावर्ती ने कहा कि माता जरनैल कौर कॉर्पस फंड छात्रवृत्ति से योग्य विद्यार्थियों पर वित्तीय बोझ कम होने की उम्मीद है, जिससे वे वित्तीय तनाव से विचलित हुए बिना अपनी शैक्षणिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।