चंडीगढ़, 5 नवंबर
हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने मंगलवार को कहा कि कुरुक्षेत्र और आसपास के जिलों में महाभारत से जुड़े ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और राज्य पर्यटन विभाग के अधिकारी समन्वित तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं। मंत्री शर्मा ने करनाल में आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन में भाग लेने के बाद यह जानकारी दी।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय (उत्तरी क्षेत्र) ने कुरुक्षेत्र और उसके आसपास के जिलों के पौराणिक और धार्मिक क्षेत्र में महाभारत से जुड़े ऐतिहासिक और प्राचीन तीर्थ स्थलों के विकास पर चर्चा करने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन करनाल के कर्ण लेक बैंक्वेट हॉल में आयोजित किया गया, जहां परिचयात्मक दौरा भी आयोजित किया गया।
मंत्री शर्मा ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय, राज्य पर्यटन विभाग और विभिन्न पर्यटन हितधारकों और सेवा प्रदाताओं के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन की कार्यवाही का विवरण देने वाली एक पुस्तक का विमोचन भी किया, जिसमें कुरुक्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वृंदावन में हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, उसी प्रकार कुरुक्षेत्र में भी बड़ी संख्या में पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मंत्री ने यह भी प्रस्ताव रखा कि कुरुक्षेत्र के साथ-साथ करनाल और पानीपत के काला अंब को भी महाभारत सर्किट में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि इन क्षेत्रों में भी पर्यटकों की अच्छी खासी आमद होती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार पूरे राज्य में प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास पर काम कर रही है।
इन प्रयासों का उद्देश्य आने वाले वर्षों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और आगंतुकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) आर. के. सुमन ने कहा कि मंत्रालय कुरुक्षेत्र को वैश्विक मंच पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस मिशन में पहले ही महत्वपूर्ण प्रगति कर चुका है।