गुवाहाटी, 12 दिसंबर
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के साथ संदिग्ध संबंधों के चलते असम के गोलपाड़ा जिले से एक आरोपी को गिरफ्तार किया और दो अन्य को हिरासत में लिया।
असम पुलिस विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के सहयोग से एनआईए ने गोलपाड़ा में छापेमारी की और कई लोगों से पूछताछ की।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने गोलपाड़ा के तुकुरा इलाके में छापेमारी के दौरान एक मस्जिद से इमाम साहनूर आलम को गिरफ्तार किया।
बुधवार देर रात छापेमारी के दौरान साहनूर के अलावा दो अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
एक सूत्र ने दावा किया कि अक्टूबर में गोलपाड़ा में जेईएम से संबंध रखने के आरोप में हिरासत में लिए गए एक अन्य व्यक्ति ने एनआईए के समक्ष साहनूर आलम की पहचान बताई।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने के संदेह में 5 अक्टूबर को एनआईए द्वारा असम से गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में गोलपाड़ा के नौ लोग शामिल थे।
इससे पहले असम पुलिस ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर उल्फा-आई द्वारा बम विस्फोट की घटना से जुड़े दो मामले भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे थे। असम पुलिस के डीजीपी जी.पी. सिंह ने बताया कि पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस पर हुई घटना से जुड़े 10 मामले दर्ज किए हैं, जिसमें प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा-आई ने राज्य भर में कम से कम 25 स्थानों पर विस्फोटक लगाने का दावा किया था। सिंह ने कहा, "इन 10 मामलों में से दो मामले एनआईए टीम को सौंपे जाएंगे। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इन मामलों को तुरंत अपने हाथ में लेने का अनुरोध किया है।" डीजीपी सिंह ने कहा कि राज्य पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस पर उल्फा-आई द्वारा बम विस्फोट की घटना की जांच में महत्वपूर्ण प्रगति की है। डीजीपी ने कहा, "शिवसागर में हमने विस्फोटक लगाने के संदेह में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
माना जा रहा है कि उनमें से एक पूरी घटना में सक्रिय रूप से शामिल था। जांच के लिए मैं मामले में अधिक जानकारी नहीं दे सकता, लेकिन दोषियों को दंडित किया जाएगा।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि असम के विकास को रोकने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी ने कहा, "राज्य शांतिपूर्ण माहौल में तेजी से विकास कर रहा है। हाल की घटना असम के विकास को रोकने की कोशिश है। हालांकि मुझे राजनीतिक चीजों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, लेकिन हमें राज्य में सख्त कानून व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए।"